भारतीय दण्ड विधान (IPC)
धारा 186 लोकसेवक के लोककृत्यों के निर्वहन में बाधा डालना – जो कोई किसी लोकसेवक के लोककृत्यों के निर्वहन मे स्वेच्छया बाधा डालेगा वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 03 मास तक की हो सकेगी या जुर्माना से 500 रूपये तक का हो सकेगा या दोनो से दंडित किया जावेगा।
धारा 279 – लोकमार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हांकना – जो कोई किसी लोकमार्ग पर ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई वाहन चलायेगा या सवार होकर हांकेगा जिससे मानव जीवन को क्षति उत्पन्न हो जाये या किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना संभाव्य है ,दोनो में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 06 माह तक की हो सकेगी या जुर्माना 1000 रूपये तक का हो सकेगा या दोनो से दंडित किया जावेगा।
धारा 304 (क) उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना – जो कोई उतावले पन से या उपेक्षा पूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा जो अपराधिक मानव वध के कोटी में नही आता, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 02 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माना से या दोनो से दंडित किया जावेगा।
धारा 337 ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना जिससे दूसरे का जीवन वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए – जो कोई ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा जिससे मानव जीवन या दूसरों को वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए किसी व्यक्ति को उपहति कारित करेगा, वह दोनो में किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 06 माह तक की हो सकेगी या जुर्माना से जो 500 रूपये तक का हो सकेगा या दोनो से दंडित किया जावेगा।
धारा 338 ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहति कारित करना जिससे दूसरो का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए – जो कोई ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा जिससें मानव जीवन या दूसरों का वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए किसी व्यक्ति को घोर उपहति कारित करेगा वह दोनो में किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 02 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माना से जो 1000 रूपये तक का हो सकेगा या दोनो से दंडित किया जावेगा।
धारा 332 लोकसेवक को अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना – जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति को जो लोकसेवक हो उस समय जब वह वैसे लोकसेवक के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हो अथवा इस आशय से कि उस व्यक्ति को किसी अन्य लोकसेवक को वैसे लोकसेवक के नाते उसके अपने कर्तव्य के निर्वहन से निवारित या भयोपरत करे अथवा ऐसे लोकसेवक के नाते उस व्यक्ति द्वारा उसके अपने कर्तव्य के विधिपूर्ण निर्वहन में की गयी या किये जाने के लिए प्रयतित किसी बात के परिणाम स्वरूप स्वेच्छया उपहति कारित करेगा वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि 03 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माना हो या दोनो से दंडित किया जावेगा।