सड़क के नियम

09.       सड़को को मिलने के स्थान पर यातायात को रास्ता देना – किसी मोटर यान का चालक किसी ऐसे स्थल में जहां एक सड़क दूसरी सड़क को काटती है जिस पर यातायात विनियमित नही किया जा रहा है और सड़क पर प्रवेश किया जा रहा है वह मुख्य सड़क के रूप में उल्लेखित की गयी है प्रवेश करने के उन यानों को रास्ता देगा जो उस सड़क पर जा रहे है और किसी अन्य दशा में उन सभी यानों को रास्ता देगा जो उसकी दायीं ओर से उस सड़क पर आ रहे है।

10.       अग्नि सेवा यानों और एम्बुलेंसो को निर्वाध रास्ता देना – प्रत्येक चालक किसी अग्नि सेवा यान, या किसी एम्बुलेंस के निकट आने पर सड़क के किनारे होकर निर्वाध रास्ता देगा।

11.       रास्ते का अधिकार – पैदल चलने वालों को अनियंत्रित पैदल पार-पथ पर चलने का अधिकार है। जब किसी सड़क पर किसी अन्य यातायात के लिए विशिष्ट रूप से पैदल रास्ता या पैदल मार्ग का उपबंध किया गया है, तब वर्दी धारी किसी पुलिस अधिकारी की अनुज्ञा के बिना कोई चालक ऐसे पैदल रास्ते या मार्ग पर यान नहीं चलायेगा।

12.       “ यू के रूप में मुड़ना – कोई चालक उस स्थान पर यू के रूप में मुड़ना विशेष रूप से प्रतिषेधित है ओर व्यस्त यातायात है सड़क पर यू रूप में नही मुड़ेगा। यदि यू के रूप में मुड़ना अनुज्ञेय है तो चालक हाथ से वैसा संकेत देगा जो दाहीने मुड़ने के लिए होता है पीछे देखने के दर्पण में देखेगा और तब मुड़ेगा तब ऐसा करना सुरक्षित हैं।

13.       चालको द्वारा दिये जाने वाले संकेत – सभी मोटर यानों के चालकों द्वारा निम्नलिखित संकेतो का उपयोग किया जावेगा अर्थात –

(क) जब चालक यान की गति धीमी करना चाहता है तब वह यान के दांई ओर से अपने दाई हाथ के हथेली को बाहर निकालेगा और इस प्रकार निकाली गई बांह को कई बार ऐसी रीति से उपर नीचे करेगा जिससे उसके पीछे वाले यान के चालक द्वारा संकेत देखा जा सके।

(ख) जब चालक रूकना चाहता है तब वह उसकी यान की दांई ओर से अपनी दांयी अग्र भुजा को बाहर निकाल कर हथेली सामने करके अन्य रूप से खड़ा करेगा।

(ग) जब चालक दांई ओर मुड़ना चालता है या किसी अन्य यान से आगे निकलने के लिए या किसी अन्य प्रयोजन के लिए सड़क के दांई ओर यान चलाना चाहता है तब अपनी दांई बाह को क्षेतिज स्थिति में हाथ के हथेली के सामने किये हुए, अपने यान को दांई ओर बाहर निकालेगा।

(घ) जब कोई चालक बांई ओर मुड़ना चाहता है या सड़क के बांई ओर यान चलाना चाहता है तब वह अपनी दांई बाह को बाहर निकालेगा और घड़ी के विपरीत दिशा में घुमाएगा।

(ड) जब कोई चालक अपनी पीछे के यान के चालक को बताना चाहता है कि वह चाहता कि पीछे के यान का चालक आगे निकल जाये तब वह अपनी यान की दांई ओर से अपनी दांई भुजा और हाथ की क्षेतिज रूप में बाहर निकालेगा। और बांह को अर्द्ध वृत्ताकार गति से आगे पीछे करेगा।

14.       दिशा सूचक – विनिमय 12 में निर्दिष्ट संकेतों को यांत्रिक या वैद्युतयुक्तियों द्वारा सरल भी किया जा सकता है।

15.       यानों को पार्क करना

01. मोटर यान का प्रत्येक चालक किसी सड़क पर यान को पार्क करते समय ऐसी रीति से पार्क करेगा कि उससे सड़क के अन्य उपयोग कर्ताओं को कोई खतरा या अवरोध या अनुचित असुविधा नही होती है या होने की संभावना नही है और यदि पार्क करने की रीति किसी संकेत बोर्ड या सड़क के किनारे चिन्हाकन द्वारा उक्त दर्शित की गयी है तो वह अपने यान को अपने यान को उसी रीति से पार्क करेगा।

02. मोटर यान का कोई चालक अपने यान को निम्नलिखित स्थान पर पार्क नही करेगा।

01.       किसी सड़क चौराहे मोड़, पहाड़ी के शीर्ष पर उभरे पुल पर या उसके निकट

02.       पैदल रास्ते पर

03.       यातायात प्रकाश या पैदल पार-पथ के निकट

04.       मुख्य सड़क में या किसी सड़क पर जिस पर तीव्र गति से यातायात चलता है।

05.       अन्य खड़े वाहनों के सामने या अन्य वाहनों के बाधा के रूप में।

06.       अन्य खड़े वाहन के बगल में।

07.       किसी सड़क पर सड़को के ऐसे स्थानों पर खंडित रेखा सहित या उसके बिना निरंतर स्वेत रेखा है।

08.       बस अड्डे, विद्यालय या अस्पताल के प्रवेश के निकट या ऐसे स्थान पर जहां यातायात संकेत या परिसरों या बंबो में बाधा पहुंचती हो।

09.       सड़क के गलत ओर

10.       जहां खड़ा करने का प्रतिषेध है।

11.       पैदल पथ के किनारे से दूर

16.       दीपों और रजिस्ट्रीकरण चिन्हों का दृश्यता

01. किसी मोटर यान पर कोई भार या अन्य माल इस प्रकार जिसे की वह अधिनियम द्वारा उसके अधीन किसी मोटर यान पर वहन किये जाने वाले या प्रदर्शित किये जाने वाले अपेक्षित किसी दीप, रजिस्ट्रीकरण चिन्ह को ढकता है या उसकी दृश्यता में अन्य व्यवधन तब तक नही रखा जावेगा जब तक कि इस प्रकार ढके या अन्यथा अस्पष्ट जीप या चिन्ह के स्थान पर अतिरिक्त दीप और चिन्ह अतिरिक्त दीप और चिन्ह अतिरिक्त रूप से ऐसे ढके या अस्पष्ट दीप या चिन्ह के प्रदर्शन के अधिनियम के द्वारा या उसके अधीन अपेक्षित रीति में प्रदर्शित नही किया गया है।

02. अधिनियम द्वारा या उसके अधीन मोटर यान पर प्रदर्शित किये जाने के लिए अपेक्षित सभी रजिस्ट्रीकरण और चिन्ह सभी समय पर स्वच्छ और सुपाठ्य स्थिति में रखे जावेंगे।